"विभागीय शोषण के खिलाफ GDS कर्मियों का बिगुल, सोमवार से धरने की चेतावनी"
"विभागीय शोषण के खिलाफ GDS कर्मियों का बिगुल, सोमवार से धरने की चेतावनी"

भरथना-इटावा: डाक विभाग के अंतर्गत कार्यरत ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) ने विभागीय नीतियों और कार्य प्रणाली के विरोध में एकजुट होकर नगर अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए एक आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि उनकी मांगों पर सोमवार (26 मई) तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे क्षेत्रीय कार्यालय,अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
क्या हैं डाक सेवकों की प्रमुख शिकायतें? ज्ञापन में कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें न केवल अनावश्यक टारगेट थोपे जा रहे हैं, बल्कि बार-बार मीटिंग्स के ज़रिए मानसिक दबाव भी डाला जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि ये टारगेट ज़मीनी सच्चाई से मेल नहीं खाते और उन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं है।
1. अनावश्यक टारगेट और मीटिंग्स: हर माह लाखों रुपये के बीमा (PLI व RPLI) टारगेट दिए जाते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इतनी आय वाले ग्राहक आसानी से नहीं मिलते। इसके बावजूद लक्ष्य न पूरा करने पर मीटिंग्स में अपमानित किया जाता है।
2. Oversee अधिकारियों का रवैया: ज्ञापन के अनुसार लगभग 709 कर्मचारी "Oversee" नामक व्यवस्था और उसके अंतर्गत तैनात अधिकारियों के व्यवहार से असंतुष्ट हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि ये अधिकारी कार्यस्थलों पर डर और दबाव का माहौल बनाते हैं।
3. बीमा योजनाओं के असंभव लक्ष्य: जहाँ पहले वार्षिक लक्ष्य तय होते थे, वहीं अब मासिक ₹30,000 का प्रीमियम लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह न केवल अव्यवहारिक है बल्कि इसका सीधा असर उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है।
4. बार-बार स्थानांतरण से कार्य बाधित: सहायक शाखा डाकपालों (ABPM) को बार-बार उनके मूल कार्यक्षेत्र (BO) से हटाया जा रहा है, जिससे कार्य संचालन में अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है।
5. मीटिंग्स में अपमानजनक व्यवहार: ज्ञापन में बताया गया कि मीटिंग्स के दौरान अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया जाता है। यहां तक कि टारगेट पूरा न करने पर उन्हें अपमानित किया जाता है, जो मानव गरिमा के खिलाफ है।
6. विभागीय सेवाओं की स्थिति खुद खराब: कर्मचारियों ने बताया कि विभागीय तकनीकी सेवाएं बार-बार बाधित होते हैं। इससे ग्राहकों को परेशानी होती है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों से लक्ष्य की 100% पूर्णता की अपेक्षा की जाती है।
7. अनुकंपा नियुक्तियों में देरी: डाक सेवकों की मांग है कि मृतक कर्मचारियों के आश्रितों की नियुक्तियाँ 15 दिनों के भीतर की जाएं, ताकि प्रभावित परिवारों को आर्थिक संकट से राहत मिल सके।
8. धरने की चेतावनी: कर्मचारियों ने दो टूक कहा कि यदि सोमवार तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, विभागीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग की होगी।
अब विभाग की परीक्षा: यह विरोध ऐसे समय में सामने आया है जब ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवाएं पहले ही चुनौतियों से जूझ रही हैं। यदि विभाग समय रहते समाधान नहीं करता, तो इसका सीधा असर जनसेवा पर पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि सोमवार तक विभाग क्या रुख अपनाता है।
ज्ञापन देने पहुंचे कर्मचारी प्रतिनिधि:
इस विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया में प्रमुख रूप से गीता कुमारी (ABPM, अमरी), श्रीराम यादव (BPM, परोसन), वरुण तिवारी (BPM, अमरसंग), प्रिया राव (BPM, बिजौली), राहुल (ABPM, कुम्हवार), आशीष (ABPM, कहा) सहित बड़ी संख्या में अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब और चुप नहीं बैठा जाएगा।
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