भारत के आत्मरक्षा अधिकार को जर्मनी का समर्थन: डॉ. जयशंकर का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बर्लिन में जर्मनी द्वारा भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के विरुद्ध समर्थन पर आभार जताया। उन्होंने पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सराहना की।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई और आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन देने के लिए जर्मनी का आभार व्यक्त किया है। बर्लिन में आयोजित जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में एक संवाद के दौरान डॉ. जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी हमलों की जर्मनी द्वारा की गई कड़ी निंदा से भारत को बल मिला है।
उन्होंने विशेष रूप से जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल द्वारा भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को स्पष्ट रूप से स्वीकार करने की सराहना की। डॉ. जयशंकर ने कहा, “भारत को अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा करने का अधिकार है, और इस पर जर्मनी सहित वैश्विक समुदाय का समर्थन उत्साहजनक है।”
उन्होंने पाकिस्तान पर भी तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह लंबे समय से आतंकवाद को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करता रहा है और आतंकवादियों को पनाह देता आया है। डॉ. जयशंकर ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश बताया, जिसका उद्देश्य न सिर्फ भय का माहौल पैदा करना है बल्कि पर्यटन को नुकसान पहुंचाना और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना भी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का अभियान आतंकवाद के खिलाफ है, और देश ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर यह संदेश दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत को इस मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मजबूत समर्थन मिला है।
भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंधों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग आने वाले समय में और भी सशक्त होगा।
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