महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार: छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ, सरकार में फिर से मिली अहम भूमिका

मुंबई, महाराष्ट्र – महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से अनुभवी नेता छगन भुजबल की वापसी हुई है। सोमवार, 20 मई 2025 को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे। मंत्रिमंडल के इस विस्तार को महायुति गठबंधन के भीतर संतुलन साधने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
राजनीति में पांच दशक से अधिक का अनुभव
छगन भुजबल, जो वर्तमान में नासिक जिले के येवला से विधायक हैं, महाराष्ट्र की राजनीति के एक दिग्गज नेता हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 के दशक में शिवसेना से की थी और 25 वर्षों तक पार्टी से जुड़े रहे। 1985 में वे मझगांव से शिवसेना विधायक बने। 1991 में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मतभेद के कारण उन्होंने शिवसेना को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए।
एनसीपी के गठन से लेकर उपमुख्यमंत्री पद तक
1999 में शरद पवार द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की स्थापना के साथ ही भुजबल भी उनके साथ जुड़ गए। उसी साल उन्हें राज्य का उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री बनाया गया। अपने राजनीतिक करियर में भुजबल ने गृह, सार्वजनिक निर्माण (PWD), खाद्य और नागरिक आपूर्ति जैसे कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है।
विवाद और वापसी
छगन भुजबल का राजनीतिक सफर पूरी तरह विवादों से अछूता नहीं रहा। 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और लगभग दो वर्ष जेल में बिताने पड़े। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। 2024 में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई थी, विशेषकर अजित पवार को लेकर बयान दिए थे। हालांकि, अब 2025 में उन्हें फिर से मंत्रिपद सौंपा गया है।
महायुति में भुजबल की भूमिका
भुजबल वर्तमान में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ हैं, जो भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के साथ मिलकर महायुति गठबंधन का हिस्सा है। 2024 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भुजबल की मंत्री पद पर वापसी को राज्य की सत्ता समीकरणों में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
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