अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का बड़ा फैसला
उत्तराखंड की चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने पुलकित आर्य और दो अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। हत्या, सबूत मिटाने और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार। पीड़ित परिवार को मिलेगा मुआवजा।

कोटद्वार (उत्तराखंड): उत्तराखंड को झकझोर देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों को हत्या, सबूत मिटाने और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया।
न्यायालय का फैसला: उम्रकैद और आर्थिक दंड
लगभग दो साल आठ महीने तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा देने के साथ-साथ आर्थिक दंड भी लगाया है। इसके अतिरिक्त, पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
क्या था मामला?
19 वर्षीय अंकिता भंडारी, पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र की निवासी थीं। वह ऋषिकेश के निकट वनतारा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थीं।
18 सितंबर 2022 को अंकिता रहस्यमय ढंग से लापता हो गईं। करीब एक सप्ताह बाद, चीला पावर हाउस की नहर से उनका शव बरामद हुआ।
जांच में यह सामने आया कि रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर एक वीआईपी मेहमान को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव बनाया था। इंकार करने पर, पुलकित ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धक्का दे दिया। इस निर्मम हत्या ने राज्यभर में आक्रोश फैला दिया और जनभावनाएं उबल पड़ीं।
SIT जांच और न्याय प्रक्रिया
उत्तराखंड सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच टीम ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया। इनमें से 47 अहम गवाहों की गवाही अदालत में दर्ज की गई।
जनवरी 2023 से शुरू हुई सुनवाई के बाद, न्यायालय ने अब यह अहम फैसला सुनाया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और सामाजिक संदेश
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, तत्कालीन भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है। मामले के उजागर होते ही भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
यह हत्याकांड केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा, कार्यस्थल पर सम्मानजनक व्यवहार और न्याय प्रणाली की पारदर्शिता का प्रतीक बन गया है।
परिवार की प्रतिक्रिया
अंकिता के परिजनों ने अदालत से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उम्रकैद का निर्णय सुनाया। इसके बावजूद, परिवार ने इसे न्याय की दिशा में एक मजबूत और संतोषजनक कदम बताया है।
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