UP BJP में बड़े बदलाव की तैयारी, नया अध्यक्ष जल्द तय
भाजपा उत्तर प्रदेश संगठन में बदलाव की तैयारी में, नए प्रदेश अध्यक्ष की खोज जारी। जातीय संतुलन और योगी संग तालमेल पर रहेगा फोकस।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव 2024 में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2027 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश संगठन में बदलाव की कवायद तेज कर दी है। प्रदेश संगठन को नई दिशा देने के लिए पार्टी अब नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी कर रही है।
संगठन को फिर से धार देने की रणनीति
उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए हमेशा से रणनीतिक रूप से सबसे अहम राज्य रहा है। लेकिन 2024 में अपेक्षित परिणाम न मिलने के बाद संगठनात्मक रूप से आत्ममंथन शुरू हो गया है। नई ऊर्जा, आक्रामक शैली और जातीय संतुलन के साथ पार्टी अब भविष्य की चुनावी चुनौतियों का सामना करना चाहती है।
नए अध्यक्ष की तलाश, योगी से तालमेल होगा अहम
सूत्रों के अनुसार, नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेहतर तालमेल को प्राथमिकता दी जाएगी। ठीक वैसे ही जैसे 2022 में भूपेंद्र सिंह चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई थी। नेतृत्व अब ऐसा चेहरा चाहता है जो लक्ष्मीकांत बाजपेयी जैसी शैली और केशव प्रसाद मौर्य जैसी संगठन क्षमता से लैस हो।
इन नेताओं के नाम चर्चा में
भाजपा में जिन चेहरों को लेकर चर्चाएं तेज हैं, उनमें शामिल हैं:
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हरीश द्विवेदी (पूर्व सांसद, ब्राह्मण चेहरा)
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बी.एल. वर्मा (केंद्रीय मंत्री, लोधी समुदाय)
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श्रीकांत शर्मा (पूर्व ऊर्जा मंत्री)
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विजय बहादुर पाठक (वरिष्ठ नेता, संगठन में गहरी पकड़)
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विद्यासागर सोनकर और अमरपाल शर्मा (अनुभवी दलित नेता)
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डॉ. दिनेश शर्मा (पूर्व उपमुख्यमंत्री, राज्यसभा सांसद)
जातीय संतुलन: रणनीति का नया फोकस
2024 में सपा के 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ की सफलता ने भाजपा को जातीय समीकरण पर पुनर्विचार करने को मजबूर किया है। पार्टी अब ओबीसी या दलित समुदाय से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सामाजिक संतुलन साधना चाहती है।
संभावित नाम:
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धर्मपाल सिंह (ओबीसी, वर्तमान पशुपालन मंत्री)
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स्वतंत्र देव सिंह (ओबीसी, जलशक्ति मंत्री)
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रामशंकर कठेरिया, विनोद सोनकर, नीलम सोनकर (दलित वर्ग से)
ब्राह्मण मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए हरीश द्विवेदी और दिनेश शर्मा के नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
जल्द होगा फैसला
पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकता है। भाजपा का मानना है कि समय रहते संगठन को मजबूत करना ही 2027 और 2029 की जीत की नींव रखेगा।
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