लखनऊ: वकीलों के दो गुटों में चैंबर के अंदर चली गोलियां, दो अधिवक्ता गंभीर रूप से घायल
लखनऊ के वजीरगंज स्थित रेजीडेंसी में वकीलों के दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश ने शनिवार रात हिंसक रूप ले लिया। चैंबर के भीतर हुई गोलीबारी में दो अधिवक्ता घायल हुए, जांच में जुटी पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

लखनऊ के वजीरगंज क्षेत्र स्थित रेजीडेंसी परिसर शनिवार रात गोलियों की गूंज से दहल उठा, जब वकीलों के दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश एक बार फिर हिंसक टकराव में बदल गई। विवाद इस कदर बढ़ा कि चैंबर के अंदर ही फायरिंग शुरू हो गई, जिसमें दो अधिवक्ता—कुंवर अंबिका सिंह और साकिब हसन—गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
पुरानी रंजिश बनी फायरिंग की वजह
मड़ियांव निवासी अधिवक्ता कुंवर अंबिका सिंह उर्फ डब्बू सिंह शनिवार रात अपने रिश्तेदार दिलीप सिंह के चैंबर में कुछ साथियों के साथ मौजूद थे। इसी दौरान मलिहाबाद निवासी अधिवक्ता साकिब हसन भी अपने सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे। दोनों गुटों के बीच पहले से चल रही दुश्मनी फिर से भड़क उठी। शुरू हुई कहासुनी जल्द ही हाथापाई में बदली और इसके बाद गोलियां चलने लगीं।
फायरिंग में अंबिका सिंह को कमर, पैर और हाथ में गोली लगी, जबकि साकिब हसन के गले के पास गोली लगने की खबर है। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत दोनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।
पुलिस जांच में जुटी, सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही
घटना की जानकारी मिलते ही एसीपी चौक राजकुमार सिंह और वजीरगंज थाने के इंस्पेक्टर राकेश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि घटना की सटीक जानकारी मिल सके।
साकिब हसन का दावा है कि वह बातचीत के इरादे से वहां पहुंचे थे, लेकिन अचानक दूसरी ओर से फायरिंग शुरू हो गई। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और तहरीर मिलने के बाद संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
न्याय के मंदिर में हिंसा से उठे सवाल
वकीलों के बीच इस तरह की हिंसा न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी चोट करती है। यह घटना साफ संकेत देती है कि व्यक्तिगत रंजिश जब पेशेवर आचरण पर हावी हो जाए, तो नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।
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