शहीद पार्क: औरैया का एकमात्र खेल मैदान जो बन चुका है बच्चों की खुशियों का केंद्र

औरैया के शहीद पार्क में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के लिए खेल-कूद और सुकून का एकमात्र स्थान बचा है। जानिए इसकी मौजूदा स्थिति और जन अपेक्षाएं।

Jun 6, 2025 - 20:50
Jun 6, 2025 - 20:56
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औरैया: शहर के मध्य स्थित शहीद पार्क न केवल ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है, बल्कि आज भी यह बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के लिए खेल-कूद और सुकून का एकमात्र स्थान बना हुआ है। हरियाली से आच्छादित यह पार्क, शहर के शहरीकरण की तेज़ रफ्तार में भी खुले मैदानों की आखिरी निशानी के रूप में बचा है।

शाम ढलते ही यह पार्क जीवन से भर उठता है—जहां एक ओर बच्चे झूलों और उछल-कूद में मगन रहते हैं, वहीं किशोर बैडमिंटन और क्रिकेट खेलते नजर आते हैं। बुज़ुर्ग यहां टहलते हैं और ताजगी महसूस करते हैं। पार्क के भीतर लगी शहीदों की प्रतिमाएं नयी पीढ़ी को देशभक्ति की प्रेरणा देती हैं और इसकी ऐतिहासिक महत्ता को जीवित रखती हैं।

बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी चिंता का विषय

हालांकि, पार्क की उपयोगिता और लोकप्रियता के बावजूद इसकी स्थिति प्रशासनिक उपेक्षा को भी दर्शाती है। ना तो पर्याप्त बेंच हैं और ना ही रात में रोशनी की समुचित व्यवस्था। बरसात के मौसम में कीचड़ और जलभराव जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, जिससे बच्चों का खेल बाधित होता है।

स्थानीय निवासी अर्पित दुबे बताते हैं, “यह शहर का इकलौता मैदान है जहाँ बच्चे खुलकर दौड़ सकते हैं। यदि यह भी सुरक्षित नहीं रहा, तो बच्चों का बचपन सिर्फ मोबाइल स्क्रीन तक सिमट जाएगा।

जनता की मांग: संरक्षण और विस्तार की ज़रूरत

नागरिकों की मांग है कि नगर प्रशासन शहीद पार्क के सुधार, सौंदर्यीकरण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे। साथ ही अन्य मोहल्लों में भी खेल के मैदानों का विकास आवश्यक है, ताकि हर बच्चे को स्वस्थ और सक्रिय बचपन का अवसर मिल सके।

शहीद पार्क सिर्फ एक मैदान नहीं, यह शहर की आत्मा है—जहाँ बच्चों की मुस्कान और युवाओं की ऊर्जा धड़कती है।

रिपोर्ट – दीपांशु सावरन

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