मामूली विवाद में बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या, छह आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ के माल थाना क्षेत्र में मोबाइल मरम्मत को लेकर हुए विवाद में एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त बांस की लाठी बरामद की। पढ़ें पूरी खबर।

लखनऊ— राजधानी के माल थाना क्षेत्र में मोबाइल मरम्मत को लेकर हुए विवाद ने जानलेवा रूप ले लिया। इसी सिलसिले में एक बुजुर्ग की हत्या और दो अन्य पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी एक ही गांव के रहने वाले हैं और पुलिस ने उनके पास से घटना में प्रयुक्त बांस की लाठी भी बरामद की है।
घटना का विवरण:
21 मई 2025 को वादी जसकरन पुत्र रामकेशन रावत, निवासी ग्राम मवईखुर्द, थाना माल, ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके गांव के ही छह लोगों — गुलफाम, शानू, चुन्नी, मुन्नवर, गुटकी और आसिफ — ने उनके, उनके भाई दशरथ और पिता रामकेशन पर जातिसूचक गालियां देते हुए लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
हमले में वादी जसकरन और उनका भाई गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि 70 वर्षीय रामकेशन की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
इस घटना को लेकर थाना माल में मुकदमा संख्या 118/25, धारा 191(2), 103(2), 109, 115(2), 352 बीएनएस और SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(5) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
गिरफ्तारी और बरामदगी:
22 मई को सहायक पुलिस आयुक्त के निर्देशन में गश्त कर रही पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली, जिसके आधार पर सभी छह आरोपियों को शाहमऊ पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्य आरोपी गुलफाम की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बांस की लाठी भी बरामद कर ली गई है।
हत्या का कारण:
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि विवाद की जड़ एक मोबाइल फोन की मरम्मत को लेकर था।
वादी के भाई दशरथ ने गुलफाम को फोन और ₹2000 मरम्मत के लिए दिए थे। जब फोन ठीक नहीं हुआ और दशरथ ने पैसे व मोबाइल वापस मांगे, तो कहासुनी के बाद यह मामला हिंसक रूप ले बैठा।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान:
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गुलफाम (22 वर्ष) – बाल काटने का कार्य करता है
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शानू (19 वर्ष) – ड्राइवरी करता है
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रिजवान उर्फ चुन्नी (18 वर्ष) – किसान
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जमील उर्फ मुन्नवर (43 वर्ष) – नाई
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जलील उर्फ गुटकी (32 वर्ष) – नाई
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मो. आसिफ (18 वर्ष) – नाई
सभी आरोपियों को विधिक प्रक्रिया पूरी कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस अब मामले में फॉरेंसिक और अन्य साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया में जुटी है।
यह मामला दर्शाता है कि सामान्य घरेलू या व्यक्तिगत विवाद भी जब जातीय तनाव या गुटीय टकराव से जुड़ जाता है, तो उसकी परिणति हिंसक घटनाओं में हो सकती है। पुलिस द्वारा की गई शीघ्र कार्रवाई से न सिर्फ अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई, बल्कि गांव में तनाव की स्थिति पर भी नियंत्रण पाया गया है।
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