नोएडा में साइबर ठगी का शिकार हुए रिटायर्ड इंजीनियर, HSBC के नाम पर गंवाए 52 लाख रुपये
नोएडा में साइबर ठगी का शिकार हुए रिटायर्ड इंजीनियर, HSBC के नाम पर गंवाए 52 लाख रुपये

नोएडा: सेक्टर-31 में रहने वाले 66 वर्षीय एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने एक फर्जी निवेश योजना के जाल में फंसा कर लगभग 52 लाख रुपये की ठगी कर ली। यह मामला मार्च से अप्रैल 2024 के बीच का है, जिसकी शिकायत पीड़ित ने नोएडा साइबर क्राइम सेल में दर्ज कराई है।
HSBC बैंक के नाम पर फर्जी WhatsApp ग्रुप का जाल
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित को 12 मार्च को ‘HSBC Securities’ नामक एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें करीब 100 सदस्य थे। इस ग्रुप में NSE और BSE के IPO और बल्क डील की जानकारी देने का दावा किया गया। ग्रुप का संचालन कथित रूप से ‘अदिति अरोड़ा’ नाम की महिला कर रही थी।
बाद में पीड़ित की मुलाकात 'दीपश जैन' नामक व्यक्ति से करवाई गई, जिसने खुद को HSBC का चीफ एनालिस्ट बताया।
फर्जी निवेश ऐप से करोड़ों की ठगी
धोखेबाजों ने पीड़ित को एक नकली निवेश ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा, जिसमें HSBC बैंक का लोगो मौजूद था। यह ऐप Google Play Store पर उपलब्ध था और पूरी तरह से असली लग रहा था। शुरुआत में कुछ लाभ और आंशिक रिफंड देकर भरोसा जीत लिया गया।
इसके बाद पीड़ित से RTGS और IMPS के माध्यम से अलग-अलग किस्तों में कुल 52 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
नकली क्रेडिट स्कोर और पैसे निकालने में बाधा
जब पीड़ित ने पैसे वापस निकालने की कोशिश की, तो ऐप पर एक कम क्रेडिट स्कोर का हवाला देकर फंड को रोक दिया गया। साथ ही पीड़ित पर और अधिक निवेश करने का दबाव डाला गया। जब शक बढ़ा, तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की।
मुंबई में ऑफिस विज़िट का झांसा
धोखेबाजों ने भरोसा कायम रखने के लिए पीड़ित को मुंबई स्थित कथित ऑफिस आने का निमंत्रण भी भेजा। लेकिन जल्द ही पीड़ित को पूरा नेटवर्क फर्जी लगा और उन्होंने कानूनी कार्रवाई का रुख अपनाया।
केस दर्ज, पुलिस जांच जारी
नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने IPC की धारा 318(4), 319(2) और आईटी अधिनियम की धारा 66D के तहत मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी रणजीत सिंह के अनुसार, ठगी एक संगठित साइबर गिरोह द्वारा की गई है, जो डिजिटल पहचान और प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर लोगों को निशाना बनाते हैं।
पुलिस अब डिजिटल ट्रेल के आधार पर आरोपियों की पहचान और रकम की रिकवरी के प्रयास में जुटी है।
सावधान रहें!
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किसी भी निवेश ग्रुप या लिंक पर अंधविश्वास न करें
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Google Play Store पर मौजूद ऐप भी फर्जी हो सकते हैं
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अनजान नंबरों और सलाहकारों की बातों में न आएं
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निवेश से पहले बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या ब्रांच से पुष्टि करें
📢 यदि आपके साथ भी ऐसी कोई घटना हुई है, तो तुरंत नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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